गर्भावस्‍था में हाई ब्‍लड प्रेशर से चार गुना बढ़ा जाता है दिल की बीमारियों का खतरा: शोध

हाई ब्‍लड प्रेशर आज एक समय में एक आम समस्‍या बन गई है। यदि हाई ब्‍लड प्रेशर की स्थिति को कंट्रोल न किया जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए हाई ब्‍लड प्रेशर परेशानी का सबब बन सकता है। वुमन हेल्‍थ के जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्‍ययन के अनुसार, अपनी पहली गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर वाली महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने या हृदयाघात से पीड़ित होने की संभावना चार गुना अधिक होती है।






हालांकि शोधकर्ताओं ने इसके एक भी कारण की पहचान नहीं की है, लेकिन यह अपर्याप्त रक्त वाहिकाओं के अपर्याप्त गठन से संबंधित माना जाता है। अध्‍ययन में यह देखा गया है कि दुनिया भर में लगभग 2 से 8 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में प्रीक्लेम्पसिया का निदान किया जाता है, जो हाई ब्‍लड प्रेशर की विशेषता है, जो आमतौर पर उन महिलाओं में 20 सप्ताह की गर्भावस्था के बाद शुरू होती है जिनका रक्तचाप सामान्य था। प्रीक्लेम्पसिया अमेरिका में समय से पहले जन्म के 15 प्रतिशत का कारणों में से एक है।


6,360 महिलाओं पर किया गया अध्‍ययन


अध्‍ययन के में शोधकर्ताओं ने 6,360 महिलाओं में 18 से 54 वर्ष की उम्र में हृदय रोग का विश्लेषण किया, जो पहली बार गर्भवती थीं और 1999 से 2013 तक न्यू जर्सी के अस्पतालों में प्रीक्लेम्पसिया का निदान किया गया था और उनकी तुलना प्रेक्लेम्पसिया के बिना गर्भवती महिलाओं से की गई। जिसमें शोधकर्ताओं ने पाया कि पहली गर्भावस्‍था में हाई ब्‍लड प्रेशर वाली महिलाओं में दिल का दौरा पड़ने या हृदय की मृत्यु होने की संभावना चार गुना अधिक थी और अन्य कारणों से मरने की संभावना दो गुना अधिक थी।


रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन स्कूल में एक एसोसिएट प्रोफेसर और मैरी डाउस गैस्ट्रिच और न्यू जर्सी के कार्डियोवास्कुलर इंस्टीट्यूट के प्रमुख सदस्य ने कहा, "जिन महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया का निदान किया गया था, उन्हें क्रोनिक हाई ब्लड प्रेशर, गर्भावधि मधुमेह (जेस्टेशनल डायबिटीज) और किडनी रोग जैसी अन्य स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का भी इतिहास था।"


प्रेग्‍नेंसी में एस्पिरिन की दवा कर सकती है ब्‍लड प्रेशर को कम  


गैस्ट्रिच ने कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया के लिए जांच की जाती है और जन्म के बाद पांच साल के भीतर प्रीक्लेम्पसिया से पीड़ित लोगों को इलाज दिया जाता है। उन्होंने कहा, "कम खुराक वाली एस्पिरिन जैसी दवा भी दूसरी तिमाही में ब्‍लड प्रेशर को कम करने में कारगर हो सकती है।"






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